जिंदगी के धोखे, कलम में तब्दील
यह ज़मीं निरंतर हमको लुभाती करती है। कुछ दिखाता है कुछ और होता है। इस जग में खुशियाँ खोजी जाती हैं, लेकिन वे अक्सर फ़र्ज़ी होती हैं। यह मूर
यह ज़मीं निरंतर हमको लुभाती करती है। कुछ दिखाता है कुछ और होता है। इस जग में खुशियाँ खोजी जाती हैं, लेकिन वे अक्सर फ़र्ज़ी होती हैं। यह मूर
यह ग़ज़ल है जो आत्मा को झुकाने के लिए रची जाती get more info है. यह धोकेबाज शायरी का मूर्तिकला है जो लिखने में आसान . इसमें कुछ पंक्तियाँ हैं जो आ